Gold Price Today
Gold Price Today : दिल्ली में शुक्रवार को सोने की कीमतों में बड़ा उछाल देखने को मिला. सोने की कीमतें 1,100 रुपये बढ़कर 72,450 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गईं। पिछले कारोबारी सत्र की तुलना में यह वृद्धि महत्वपूर्ण थी, जहां सोना 71,350 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। इस लिहाज से सोने की कीमत में एक ही दिन में करीब 1.5 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई।
चांदी की कीमत में भी बढ़ोतरी देखी गई
सोने के साथ-साथ चांदी की कीमत में भी काफी बढ़ोतरी हुई है। ऑल इंडिया सर्राफा एसोसिएशन के मुताबिक, चांदी 1,400 रुपये बढ़कर 82,500 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई। यह बढ़ोतरी पिछले कारोबारी सत्र की तुलना में काफी अधिक थी, जब चांदी की कीमत 81,100 रुपये प्रति किलोग्राम थी।
शुद्ध सोने की कीमत में भी बढ़ोतरी हुई है
99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत में भी इसी तरह का रुझान देखा गया। इसकी कीमत 1,100 रुपये बढ़कर 72,100 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई है. यह बढ़ोतरी पिछले कारोबारी सत्र के 71,000 रुपये प्रति 10 ग्राम से काफी ज्यादा थी.
महँगाई बढ़ने के मुख्य कारण
स्थानीय मांग में बढ़ोतरी: व्यापारियों के मुताबिक, स्थानीय ज्वैलर्स की ओर से सोने की मांग बढ़ी है। यह बढ़ी हुई मांग ही कीमतों में बढ़ोतरी का मुख्य कारण है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार पर असर: वैश्विक बाजार में सोने की कीमतें स्थिर हो गईं, जिसका असर घरेलू कीमतों पर पड़ा। कॉमेक्स पर सोना 5.60 डॉलर प्रति औंस की बढ़त के साथ 2,468.90 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था।
अमेरिकी अर्थव्यवस्था संकेतक: मजबूत अमेरिकी डॉलर और ट्रेजरी पैदावार में वृद्धि के बावजूद सोने की कीमतें बढ़ीं, जो व्यापक बाजार की ताकत को दर्शाता है।
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विश्व आर्थिक आउटलुक
चीन की भूमिका: कोटक सिक्योरिटीज के विशेषज्ञ कायनात चैनवाला के अनुसार, सोने की कीमतें तब भी बढ़ीं, जब चीन के केंद्रीय बैंक ने लगातार तीसरे महीने सोना खरीदने से परहेज किया।
अमेरिकी मुद्रास्फीति डेटा का महत्व: एलकेपी सिक्योरिटीज के जतिन त्रिवेदी ने कहा कि व्यापारी आने वाले हफ्तों में अमेरिकी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) डेटा पर नजर रखेंगे। यह डेटा भविष्य में संभावित ब्याज दरों में कटौती की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएगा।
भू-राजनीतिक तनाव का असर: एंजेल वन लिमिटेड के प्रथमेश माल्या ने कहा कि मौजूदा भू-राजनीतिक तनाव के कारण सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की मांग बढ़ गई है। इसके अलावा अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद से भी सोने की कीमतों को सपोर्ट मिल रहा है।
भारतीय बाजार पर असर
बजट के बाद की स्थिति: हाल ही में पेश किए गए बजट में मूल सीमा शुल्क में कटौती की घोषणा के बाद मुख्य रूप से सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट आई। हालाँकि, मौजूदा वृद्धि इस प्रवृत्ति में बदलाव का प्रतिनिधित्व करती है।
घरेलू मांग का महत्व: स्थानीय ज्वैलर्स की बढ़ती मांग का भारतीय बाजार में सोने की कीमतों पर असर पड़ा है। जैसे-जैसे त्योहार और शादी का सीजन नजदीक आएगा, यह मांग और बढ़ने की संभावना है।
निवेशकों के लिए निहितार्थ
सुरक्षित निवेश विकल्प: मौजूदा आर्थिक अनिश्चितता और भू-राजनीतिक तनाव के बीच, सोना एक सुरक्षित निवेश विकल्प के रूप में अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है।
कीमत बढ़ने की संभावना: विशेषज्ञों ने आने वाले समय में सोने की कीमत में और बढ़ोतरी की संभावना जताई है। यह प्रवृत्ति निवेशकों के लिए एक अवसर प्रस्तुत कर सकती है।
बाज़ार के रुझानों पर नज़र रखना: निवेशकों को वैश्विक आर्थिक संकेतकों, विशेष रूप से अमेरिकी मुद्रास्फीति डेटा और केंद्रीय बैंक नीतियों पर कड़ी नज़र रखने की सलाह दी जाती है।
सोने और चांदी की कीमतों में हालिया वृद्धि स्थानीय मांग, वैश्विक आर्थिक स्थितियों और भूराजनीतिक तनाव सहित कई कारकों का परिणाम है। यह वृद्धि न केवल भारतीय बाजार को प्रभावित कर रही है बल्कि वैश्विक स्तर पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव डाल रही है। अब निवेशकों और उपभोक्ताओं के लिए सतर्क रहने और बाजार के रुझान पर कड़ी नजर रखने का समय है। आगे चलकर, विशेष रूप से अमेरिकी मुद्रास्फीति डेटा और केंद्रीय बैंकों की नीतियां मूल्य दिशा निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।